पीएमओ ऑफिस भेजा सुझाव  - : किसानो की हर गांव मै खरीदी जा सकती है फसल / धीरज चतुर्वेदी

                      छतरपुर 14 अप्रैल। फसल कटाई के बाद किसानो को इंतज़ार है कि उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. सरकारी खरीद हो जिससे खुले बाजार कि तुलना मै किसानो को अधिक लाभ मिल सके. एक सुझाव है जिससे हर गांव मै सरकार  किसानो कि फसल  खरीद सकती है. आज देश का हर वासी सैनिक है. हर गांव मै ग्राम सचिव और गांव मै तैनात सरकारी महकमे के अधीन गांव के अन्य शिक्षित युवाओं कि 11 सदस्य कि समिति बना दी जाये. जो गांव मै फसल खरीदी का काम करें. बाकायदा रजिस्टर मै विक्रेता किसान का नाम,  उसकी जमीन का रकवा,  खरीद कि गई फसल कि तोल का उल्लेख हो. हर गांव मै स्कूल, सामाजिक भवन और पंचायत कार्यालय है जिन्हे खरीद कि गई फसल को रखने अर्थात गोदाम मै उपयोग किया जाये. रजिस्टर का पूरा डाटा तहसील या जिला मुख्यालय स्तर पर कंप्यूटर मै फीड किया जाये जो जिला प्रशासन कि साइट पर देखा जा सके. इनदिनों अधिकांश सरकारी विभागों के कम्प्यूटर ऑपरेटर के पास कार्य नहीं है तो डाटा फीडिंग के लिए उनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है. गांव मै शिक्षित युवा  समाज सेवा का प्रतिफल नहीं लेंगे क्यों कि संकट काल मै उनका भी दायित्व है. जब खरीद होने लगे तो ट्रक के जरिये सरकारी गोदाम तक इसे पहुंचाया जा सकता है. इस पूरी प्रक्रिया मै बेईमानी कि सम्भावना कम है क्यों कि गांव कि कमेटी रहेगी और कम्प्यूटर मै फीड डाटा किसान के रकवा और बेचीं गई फसल कि तोल का उल्लेख सरकारी साईट पर सार्वजानिक होगा. गांव मै खरीद कि जिम्मेदारी क्षेत्रीय जिम्मेदार अधिकारियो के साथ गांव कि कमेटी कि होंगी. जो किसी तरह कि गड़बड़ी पर जिम्मेदार होंगी. इस खरीद योजना से ट्रक संचालक,  उसमे कार्य करने वाले स्टॉफ और फसल के बोरे ट्रक मै लोडिंग करने वाले गांव के मजदूरो को रोजगार मिलेगा.