संजीवनी वाहन से होगी बिना संपर्क कोरोना संदिग्धों की जांच

 


 कलेक्टर शीलेंद्र सिंह द्वारा जिले में संजीवनी वाहन का आज शुभारंभ किया गया। संजीवनी वाहन के द्वारा स्वास्थ्य कर्मी अब किसी भी कोरोना संदिग्ध के  बिना उनके संपर्क में आए स्क्रीनिंग जांच करा पाएंगे। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मी लगातार कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने के कारण कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं ।
इसको ध्यान में रखते हुए  जिला प्रशासन एवं डॉक्टरों के शोध द्वारा संजीवनी वाहन की  पहल शुरू की गई।  कलेक्टर शीलेंद्र सिंह द्वारा अवगत कराया गया है कि संजीवनी वाहन के द्वारा अब स्वास्थ्य कर्मी किसी भी क्षेत्र में अंदर तक जा पाएंगे और बिना गाड़ी के बाहर उतरे वह किसी भी संदिग्ध का टेंपरेचर और बाकी सब जानकारी ले पाएंगे। संजीवनी वाहन में बाहर से एक कैमरा और एक इंफ्रारेड टेंपरेचर सेंसर लगाया गया है जो संदिग्ध का फोटो लेगा और टेंपरेचर लेगा। उसके पश्चात यह जानकारी  संजीवनी ऐप में भरी जाएगी। संजीवनी ऐप द्वारा सभी संदिग्धों की जानकारी एकत्रित करी जाएगी और प्रशासन को भेजी जाएगी।
संजीवनी वाहन से पी पी ई किट की जरूरत नहीं रहेगी और पी पी ई किट की जो कमी पूरे देश में अभी है होते हुए भी स्वास्थ्य कर्मचारी आसानी से जांच कर पाएंगे एवम् संभावित कोरोना संक्रमण को रोका जाएगा।  स्क्रीनिंग के समय वाहन के अंदर ही बैठे रहने के कारण संभावित हमले से भी स्वास्थ्य कर्मी बचे रहेंगे। संजीवनी सुरक्षा के कारण स्वास्थ्य कर्मियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और स्वास्थ्य कर्मी किसी भी क्षेत्र में संक्रमित की स्क्रीनिंग कराने में पीछे नहीं हटेंगे। संजीवनी वाहन के कारण अगर कोरोना संक्रमित मरीज पाया भी जाता है तो जल्दी से जल्दी स्क्रीनिंग करा कर कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। संजीवनी वाहन जिले के समस्त ब्लॉकों में उपलब्ध रहेगा।