मैं स्त्री हूँ.......
मैं स्वतंत्र हूँ,
मैं सार्थक हूँ,
मैं ही जीवन की धारक हूँ.....
हर पल जलती एक अग्नि में,
हर पल तपती एक ज्वाला में....
मैं अगम अनादि साधक हूँ.....
न चाह है तेरे भावों की,
न आस हैं तेरे राहों की.....
मैं चल सकती हूँ हर पथ पे,
मैं जीवन पथ की धावक हूँ....
मैं बेटी हूँ,पत्नी हूँ,माँ भी हूँ,
मैं हर रिश्ते की परछाई,
तू नाम भले दे कोई भी,
हर भाव में मेरी गहराई.....
आँखों में चाहे आंसू हो,
पर टूट नहीं सकती हूँ मैं,
मेरा मन लौह की प्रतिमा है....
बाहर से केवल भावुक हूँ....
मैं स्त्री हूँ.......मैं मैं हूँ....
आपको महिला दिवस की हार्दिक हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
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आपकी बात परिवार द्वारा महिला दिवस पर विशेष