कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की अवधि को केंद्र सरकार की तरफ से तीसरी बार बढ़ा दिया गया है। ऐसे में बीयर बनाने वाली 250 छोटी इकाइयों को करीब आठ लाख लीटर ताजी बीयर के बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है। वहीं, देश के उत्तरी राज्यों में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत की तैयार अंग्रेजी शराब की सप्लाई अटक गई है।
शराब उद्योग के जानकारे बताते हैं कि बोतलबंद बीयर की तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब हो जाती है। यही कारण है कि अब लॉकडाउन के तीसरी बार बढ़ने से इनके खराब होने का खतरा और बढ़ गया है। वहीं, नए वित्त वर्ष के शुरू होने के कारण दिल्ली को छोड़ कर अन्य उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये की कीमत वाली भारत निर्मित अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की करीब 12 लाख बोतलें अटक गई हैं।
दरअसल लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण इन्हें बेच पाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में संबंधित राज्यों से इन्हें बेचने के लिए मंजूरियों की जरूरत है।
बीयर उद्योग के परामर्शदाता ईशान ग्रोवर ने बताया कि बोतलबंद बीयर की तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती हैं। यही कारण है कि गुड़गांव में कई इकाइयों ने ताजी बीयर को नालियों में बहाना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि इन्हें ताजा रखने के लिये लगातार बिजली की जरूरत होती है।
क्राफ्ट ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण देश भर में लगभग आठ लाख लीटर ताजी बीयर के स्टोरेज वाले सभी संयंत्र बंद पड़े हैं। ऐसे में अगर जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकलता है, तो इन्हें भी नालियों में बहाना पड़ जाएगा।