भोपाल/उमरिया. मध्य प्रदेश में 5 दिन से चल रहे सियासी ड्रामे के बीच यहां जिला प्रशासन ने भाजपा विधायक संजय पाठक के बांधवगढ़ स्थित रिसॉर्ट के एक हिस्से को बुलडोजर से तुड़वा दिया। रिसॉर्ट को तोड़ने की कार्रवाई अभी जारी है। 2 दिन पहले सरकार ने उनकी जबलपुर में आयरन की 2 खदानें सील कर दी थीं। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने विधायक पाठक पर सरकार की कार्रवाई को बदले की भावना से बताया है।
बांधवगढ़ स्थित रिसोर्ट में लगभग 2 एकड़ एरिया में अतिक्रमण की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान कलेक्टर स्वरुचि सोमवंशी भी मौके पर मौजूद रहीं।
प्रदेश की राजनीति में इस समय जो चल रहा है उसमें भाजपा विधायक संजय पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी हॉर्स ट्रेडिंग के 5 जिम्मेदार नेताओं में संजय पाठक को भी बताया है। चर्चा है कि पाठक के चार्टर्ड प्लेन से कांग्रेस विधायक दिल्ली भेजे गए थे।
बुधवार को जबलपुर में खदान सील किए जाने के बाद चर्चा थी कि संजय पाठक ने गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। लेकिन, शुक्रवार सुबह संजय पाठक ने ट्वीट कर मुलाकात का खंडन किया और राजनैतिक षड्यंत्र में हत्या की आशंका जताई थी। पाठक का कहना था कि मैं भाजपा में ही हूं। जिस तरह से सरकार उनके खिलाफ काम कर रही है उससे उनकी जान को खतरा है। पाठक के इस ट्वीट के बाद शनिवार सुबह प्रशासन ने उनके रिसॉर्ट का एक हिस्सा ढहा दिया।

खदानें सील करने के पीछे बताए कारण
मप्र की भाजपा सरकार में मंत्री रहे विधायक संजय पाठक की निर्मला मिनरल्स के नाम से जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र में अगरिया और दुबियारा में आयरन की दो खदानें हैं। इन खदानों को जून 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जबलपुर कलेक्टर ने चालू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 6 महीने में अभ्यावेदन के साथ ही सारे कागजात जमा करने की शर्त लगाई थी। जबलपुर के कलेक्टर का कहना है- खदान संचालक निर्धारित समय में कागजात जमा नहीं कर पाए। इसलिए कार्रवाई की गई है।
आज बेंगलुरु से लौटेंगे विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा आज भोपाल पहुंचेंगे और सीएम कमलनाथ के साथ मुलाकात करेंगे। शेरा 4 दिन से परिवार के साथ बेंगलुरु में थे। इसके पहले उन्होंने बयान दिया था कि वे कमलनाथ सरकार के साथ खड़े हैं। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर अड़े रहने से सियासी संकट और भी गहरा गया है। इस सियासी तूफान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अगले 2 दिनों के अपने सारे कार्यक्रम कैंसिल कर दिए हैं। संकट से निपटने के लिए कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रबंधन में जुटे हैं।