गले से बेटी की फोटो चिपकाकर बोली निर्भया की मां- आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिल गया


 
     


नई दिल्ली 20 मार्च। फांसी की सजा पाए निर्भया के गुनहगार आखिरकार सात साल, तीन महीने और तीन दिन बाद अपने अंजाम पर पहुंच गए। निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया। पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की ओर से फांसी टलवाने के लिए दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी, जिसके बाद दोषियों के वकील ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए पूरी रात कोशिश कि रात 1 बजे दिल्ली हाई कोर्ट ने अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसे शीर्ष अदालत ने भी खारिज कर दिया। 


सुबह 5.30 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। दोषियों को फांसी होने के बाद लंबे समय से इंसाफ की जंग लड़ रहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 'हमारी बेटी इस दुनिया में नहीं है और नहीं वापस लौटेगी। 


 


हमने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था लेकिन हम अपनी और बेटियों के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे। मैंने अपनी बेटी की तस्वीर गले से लगाई और कहा- आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि यह एक लंबा संघर्ष था। आज हमें न्याय मिला, यह दिन देश की बेटियों को समर्पित है। मैं न्यायपालिका और सरकार को धन्यवाद देता हूं।
 


आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए
वहीं, निर्भया के पिता ने कहा कि न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।


तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि सभी चारों दोषियों को ठीक 5.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी के बाद चारों के शव को दीनदयाल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। अब चारों के शव को स्थानीय पुलिस को सौंपे जाएंगे।