मध्यप्रदेश में सियासी संकट के बीच कमलनाथ बहुमत परीक्षण को तैयार, राज्यपाल को सौंपी चिट्ठी



    


भोपाल 13 मार्च। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों के इस्तीफे से कमलनाथ सरकार संकट में है। सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन में मुलाकात करने पहुंचे हैं। जहां भाजपा 16 मार्च को शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले बहुमत परीक्षण कराने की मांग कर रही है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार को इस्तीफा देने वाले छह मंत्रियों समेत 22 बागी कांग्रेस विधायकों को नोटिस जारी करके उनसे मुलाकात करने और अपनी बात रखने के लिए कहा है।राज्यपाल से मिले कमलनाथ, भाजपा पर लगाया विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को भोपाल में राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा जिसमें भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया गया है। राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि वह बंगलूरू में बंधक बनाए गए विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें।


*स्पीकर ने विधायकों को जारी किया नोटिस*
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी विधायकों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि उन्होंने इस्तीफा खुद दिया है और यह फैसला बिना किसी के दबाव में आए लिया गया है। प्रजापति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'विधायकों के दबाव में इस्तीफा नहीं देने की पुष्टि करना स्पीकर की जिम्मेदारी है।' सारी प्रक्रिया नियमों के तहत हो रही है और उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी।


*राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे कमलनाथ*
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन में मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं।


*सिंधिया राज्यसभा के लिए आज करेंगे नामांकन*
कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भोपाल से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन करेंगे। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया गुरुवार को भोपाल पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। वह आज लगभग दो बजे विधानसभा में नामांकन करेंगे। इससे पहले वह भाजपा कार्यालय जाएंगे।


*मध्यप्रदेश की सियासत के हालात*


228 सदस्यों की है मध्य प्रदेश विधानसभा
114 विधायक थे बगावत से पहले कांग्रेस के
07 विधायकों का बाहरी समर्थन था उसके पास
22 विधायकों के इस्तीफे पर 206 होगी सदस्यता
104 पर सिमट जाएगा बहुमत का आंकड़ा
92 विधायक रह जाएंगे कांग्रेस के पास अपने
107 विधायक हैं भाजपा के विधानसभा में
07 बाहरी विधायकों का समर्थन भी भाजपा