<no title>*नौगांव कॉलेज के प्राचार्य एनपी निरंजन को 16 साल की कठोर कैद, 2 लाख 10 हजार का जुर्माना /जीतेन्द्र रिछारिया* छतरपुर,06 मार्च। वर्ष 2007 के शिक्षा से जुड़े चर्चित मामले में जिला अदालत ने फैसला दिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा छात्र-छात्राओं को परीक्षा में पास कराने के एवज में 5 हजार रुपए लेकर उत्तर पुस्तिकाएं बदलकर हेरा फेरी की जाती थी। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य को 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा दी है। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद प्राचार्य को जेल भेज दिया। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि डाॅ0 सुभाषचंद्र आर्य उप कुलसचिव हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के परीक्षा गोपनीय विभाग में पदस्थ थे। जिन्होनें शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर में आयोजित वर्ष 2007 की मुख्य परीक्षा में की गई अनियमितताओं की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने के लिए हरपालपुर थाना में आवेदन दिया था। शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर को मुख्य परीक्षा 2007 का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा केंद्र के अधीक्षक डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यलाय हरपालपुर को नियुक्त किया था। जिनकी जिम्मेदारी में समस्त परीक्षा संचालित होनी थी। उत्तर पुस्तिकाओं का लेखा जोखा, प्रश्न पत्रों का संपूर्ण हिसाब दिए जाने की जिम्मेदारी डाॅ निरंजन की थी। डाॅ निरंजन के द्वारा इस कार्य में घोर लापरवाही की गई। परीक्षा केंद्र में एक ही रोल नंबर की दो उत्तर पुस्तिकाएं एवं एक उत्तर पुस्तिका कम मिलने के संबंध में कुल सचिव द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि परीक्षा हस्ताक्षर सीट में दर्ज उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर और मुख्य उत्तर पुस्तिकाओ के सरल नंबर अलग अलग थे। जांच समिति के सामने भी डाॅ निरंजन अपना जवाब देने उपस्थित नही हुए। समिति ने पाया कि हरपालपुर महाविद्यालय के अलावा मुख्य रुप से प्रभारी प्राचार्य डाॅ निरंजन, परीक्षा संचालन कार्य में लगे महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी लिप्त और दोषी है। और जांच समिति के सामने अपना पक्ष रखने से बच रहे है। परीक्षा भवन में छात्र-छात्राएं उत्तर पुस्तिकाओं में अपना रोल नंबर, तारीख, पेपर का नाम स्वयं भरते है और अपने हस्ताक्षर करते है। यही उत्तर पुस्तिका परीक्षक के पास मूल्यांकन के लिए भेजी जाती है। लेकिन परीक्षा भवन में दी गई उत्तर पुस्तिका एवं परीक्षक के पास मूल्यांकन हेतु भेजी गई उत्तर पुस्तिकाओं में सरल क्रमांक में अंतर पाया गया। परीक्षा भवन में छात्रो को दी गई उत्तर पुस्तिका को महाविद्यालय में बाद में बदल दिया जाता है और परीक्षा भवन से बाहर लिखी गई उत्तर पुस्तिका बंडल में रख दी जाती है। इस हेराफेरी और अनियमितता में रुपयों की भारी लेनदेन की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। गजेंद्र सिंह बघेल और कु0 अंकिता चतर्वुेदी के बयान से भी रुपयों के लेन देन की पुष्टि हुई। जांच समिति ने बीएससी, बीए, एमए, की 15 कक्षाओं की परीक्षा में 361 पुस्तिकाओ में हेराफेरी पाई। थाना हरपालपुर ने प्राचार्य डाॅ. नवरत्न प्रकाश निरंजन शासकीय महाविद्यालय राजा हरपालपुर, उनके शिक्षक, कर्मचारी, छात्र छात्राओ के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को गिरफ्तार कर मामला कोर्ट में पेश किया था। न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने सुनाई सजाः अभियोजन की ओर से एजीपी अरुण देव खरे ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट के सामने पेश किए और आरोपी प्राचार्य को कठोर सजा देने की दलील रखी। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आरएल शाक्य की अदालत ने फैसला सुनाया है कि आरोपी प्राचार्य के द्वारा शिक्षा से संबंधित परीक्षाओ में गंभीर अनियमितता करते हुए उत्तर पुस्तिकाओं में हेरा फेरी करके अवैधाानिक लाभ प्राप्त किया है। ऐसे मामले नरम रुख अपनाया जाना कानून की नजर से सही नही है। कोर्ट ने आरोपी प्राचार्य डाॅ निरंजन को दोषी पाते हुए 16 साल की कठोर कैद के साथ दो लाख दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
Popular posts
गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी ने देह त्यागी, सोमवार को कटनी में होगा अंतिम संस्कार
• जीतेन्द्र रिछारिया
एसपी कुमार सौरभ ने बदले 4 थाना प्रभारी
• जीतेन्द्र रिछारिया
कलेक्टर ने पीआर कांवडकर, रिंकी साहू व आर ए मिश्रा की वेतन काटने के आदेश दिए
• जीतेन्द्र रिछारिया
मुख्यमंत्री ने छतरपुर जिले में हुई सड़क दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया
• जीतेन्द्र रिछारिया
सीबीएसई ने किया स्पष्ट,छात्रों को तैयारियों के लिए कम से कम 10 दिन का समय जरूर मिलेगा
• जीतेन्द्र रिछारिया
Publisher Information
Contact
aapkibaat01@gmail.com
9826068628
चेतगिरि कॉलोनी छतरपुर मध्यप्रदेश 471001
About
राष्ट्रीय हिन्दी मासिक व साप्ताहिक समाचार पत्र
Share this page
Email
Message
Facebook
Whatsapp
Twitter
LinkedIn