छतरपुर,13 मार्च। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के महाराजपुर के (कुसमा) में पहाड़ी पर स्थित खदिया सरकार हनुमानजी के यहां चल रहे धार्मिक आयोजन में आज तीसरे दिन संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में पंडित धीरेंद्र कृष्ण महाराज बागेश्वर धाम ने कहा कि हिरण्यकश्यप अपने भाई की मौत का बदला भगवान विष्णु से लेने के लिए ब्रह्मा जी की तपस्या करने के लिए एक वट के नीचे बैठ गया। जहां देव गुरु वृहस्पति तोता का रूप धारण कर वृक्ष पर बैठ गए। और नारायण नाम का रट लगाने लगा। आजिज हिरण्यकश्यप तपस्या छोड़ कर घर आ गया। पत्नी ने पूछा कि आप तपस्या छोड़कर क्यों चले आए तो तोता की बात बताई। पत्नी ने भी भगवान के नाम का जप किया और गर्भ ठहर गया और भक्त प्रहलाद के रूप में बालक का जन्म हुआ। जब प्रहलाद गुरुकुल से घर आए तो हिरण्यकश्यप ने पूछा कि क्या शिक्षा ग्रहण किए हो। प्रहलाद भगवान का गुणगान करने लगे। इससे हिरण्यकश्यप क्रोधित हो उठा और कहा कि तुम मेरे शत्रु का गुणगान कर रहे हो। लेकिन प्रहलाद ने भगवान की अराधना नहीं छोड़ी। हिरण्याकश्यप अत्याचार करता रहा और भगवान प्रहलाद को बचाते रहे। एक दिन हिरण्यकश्यपु ने प्रहलाद से कहा कि तुम्हारे भगवान कहां हैं। प्रहलाद ने जवाब दिया कि कण-कण में हैं और इस खंभे में भी हैं। इतना सुनते ही हिरण्यकश्यपु ने तलवार निकाल कर खंभे पर वार कर दिया। तब नरंिसंह के रूप में भगवान प्रकट होकर हिरण्यकश्यप का वध कर देते है।
भगवान ने धन से आते है न जातिवर्ण से आते है भगवान सिर्फ भक्तिभाव से भक्त के बुलाने पर दौड़े चले आते है,
इसके साथ ही श्री बागेश्वर महाराज ने 109 देशो को अपने चपेट में ले चुका कोरोना वायरस से बचाव की अपील जनता एवम बाला जी महाराज से की है तथा वायरस से बचाव के लिये हम हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन करना चाहिये।तथा घर मे महामारी से निपटने के लिये सुंदर काण्ड और हवन करना चाहिये !
*बागेश्वर दरवार*
सुबह 11 बजे से दोपहर2 बजे तक श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज भक्तो की समस्याओं के बारे में स्वंम बताते है इस दरवार में दूर दूर से लोग आते है ।तथा अपनी समस्याओं का निराकरण करवा रहे है।