बाजना में वन श्रमिक पर कातिलाना हमला, घटना के 48 घंटे बाद भी आरोपियों पर नहीं हुआ मामला दर्ज / लक्ष्मी नारायण शर्मा

 


छतरपुर 11 अप्रैल। जहां पूरे देश में कोरोना नामक महामारी के चलते पुलिस के जवान मुस्तैदी के साथ अपनी जान की परवाह न करते हुए जनता की सुरक्षा के लिए 24 घंटे कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे है। जगह-जगह पुलिस की इस कार्यशैली की सराहना की जा रही है तो कहीं पर पुलिस के ऊपर पुष्प वर्षा की जा रही है। इसी बीच बाजना पुलिस की काफी आलोचना हो रही है और क्षेत्र की जनता पुलिस के प्रति भारी आक्रोश प्रर्दशित करते नजर आ रही है। बाजना थाना प्रभारी की कार्यशैली से पूरे जिले के पुलिस महकमे का नाम बदनाम हो रहा है। थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरूवार को निमानी बीट में कुछ लोगों के द्वारा आग लगाई जा रही थी, वन महकमे को जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर जाकर रोका गया तो आग लगाने वाले मौके से भाग गये। वन विभाग के अधिकारियों ने आग लगाने वाले लोगों को पहचान लिया था आग बुझाकर उनके घर वनकमियों का भेजा गया। आरोपियों ने अपनी गलती का एहसास न करते हुए वन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। जिसमें
वन श्रमिक भागीरथ यादव गंभीर रूप से घायल हो गया तथा उसका इलाज जिला चिकित्सालय में जारी है। स्थानीय पुलिस के द्वारा घटना के दो दिन बीत जाने के बाबजूद आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जानकारी के अनुसार वनमंडल अंतर्गत वनपरिक्षेत्र बाजना की बीट निमानी के कक्ष क्रमांक पी-314 में भरत पिता बलराम लोधी, रामू पिता भगवानदास लोधी निवासी निमानी को आग लगाते हुए पहलाद सेन के द्वारा देखा गया। रोकने पर मौके से वे लोग भाग गये। आग बुझाने के उपरांत वनरक्षक मयूर श्रीवास्तव एवं परिक्षेत्र सहायक मलार राममिलन शर्मा द्वारा उन लोगों को एवं उनके चाचा लखन लोधी (हल्के कक्का) को बुलाने के लिए वन सुरक्षा श्रमिक भागीरथ यादव एवं रामखिलान सेन को वनरक्षक ने अपनी मोटर साईकिल से आरोपियों के घर पर भेजा। पर वहां लखन लोधी नहीं था, गांव में कही चला गया था। तभी भरत पिता बलराम लोधी उन दोनों से बोला कि यहां क्यों आए हो और रामखिलान का गला पकड़ कर गाली गालौज करने लगा बोला कि तुझे जान से मार दूंगा। इसके बाद कुल्हाड़ी से मोटर साईकिल की हेड लाईट के ऊपर और इंडीगेटर तोड़ दिया। रामू पिता भगवानदास लोधी ने कुल्हाड़ी उठाकर वन श्रमिक भागीरथ यादव के ऊपर जान लेवा हमला कर दिया। जिससे वह मौके पर बेहोश हो गया। बेहोशी की हालत में उसे तत्काल उठाकर पुलिस थाना बाजना ले आए तो थाना प्रभारी के मौखिक निर्देश पर प्री एम.एल.सी के लिए बड़ामलहरा चिकित्सालय ले गये, गंभीर हालत को देखते हुए भागीरथ यादव को जिला चिकित्सालय छतरपुर मेें रेफर कर दिया गया। जिसका इलाज जिला चिकित्सालय में जारी है। पुलिस द्वारा वन अपराधियों व जानलेवा हमले के आरोपियों पर अभी तक प्रकरण पंजीवद्ध नहीं किया गया है। पीडि़त की ओर से कहा गया है कि दबंगों के द्वारा लगातार राजीनामा के लिए जान से मारने की पुन: धमकी दी जा रही है तो वहीं पुलिस भी आरोपियों का पक्ष लेकर राजीनामा के लिए पीडि़त को बाध्य कर रही है।
*इनका कहना है:-*
आपके द्वारा मुझे यह जानकारी प्राप्त हो रही है, मैं शीघ्र ही थाना प्रभारी से बात करके मामले की जांच करवाता हूं तथा जो भी दोषी पाया जाता है उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कुमार सौरभ
*पुलिस अधीक्षक, छतरपुर*