छतरपुर में लॉक डाउन का डोज कड़वा है पर आपके हित में है, अभी तक का परिणाम सबके सामने लाकडाउन का पालन करें, हम जीतेंगे : कलेक्टर 


छतरपुर 06 अप्रैल। यह हैं छतरपुर के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जुगलबंदी का परिचय देकर देश के साथ-साथ 22 मार्च को छतरपुर को लॉक डाउन कर दिया था, परिणाम सामने है अभी तक इस जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला है। इन्होंने लोगों को बचाने के लिए कुछ ज्यादा ही सख्ती कर दी, इसके बावजूद यह अड़े हुए हैं अपनी इस जिद पर कि छतरपुर में कोरोना को घुसने नहीं देंगे। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के साथ उनके पूरे प्रशासनिक अमले एडीएम, सीईओ जिपं., एएसपी समीर सौरभ, सीएसपी उमेश शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी सुश्री प्रियांशी भंवर, डी.पी.द्विवेदी, स्वप्निल बानखेड़े, बी.बी.गंगेले सहित पूरा पुलिस अमला, राजस्व अमला, स्वास्थ्य अमला, परिवहन अमला के साथ खबरचियों को प्रशासन द्वारा किये गये कार्य और निर्देशों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने में हरसंभब मदद करती हुई पीआरओ सुश्री पूजा थापक के योगदान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन आम लोगों की रक्षा के लिए कड़कड़ाती धूप मे भी आज कल यहां 24 घंटे जो जिस क्षेत्र में है अपने-अपने स्तर से ड्यूटी पर मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है, चाहे खाना समय पर मिले या नहीं पानी मिले या नहीं। उन्हें बस एक ही जुनून है कोरोना को भगाना है लोगों को बचाना है।
           कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने आम जनमानस को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप लोग बिल्कुल भी घबराएं नहीं, कोरोना से हम पूरी ताकत के साथ लड़ रहे हैं और समस्त जिलेवासियों को हम बिल्कुल स्वस्थ रखेंगे लेकिन याद रहे हमारी इस लड़ाई का एक हिस्सा आप भी हैं अपने-अपने घरों में रहे, अनावश्यक सड़कों पर न निकलें, लाकडाउन का पालन पूरी ईमानदारी के साथ पालन करें।
               यह सवाल उठना भी लाजिमी हो जाता है कि यहां मैंने कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एसपी कुमार सौरभ को दबंग क्यों कहा? दरअसल दबंगई ऐसे ही मामलों में दिखाई जाती है जब लाखों लोगों का हित जुड़ा हो, तब न तो कोई अपील, न कोई वकील और न कोई दलील जो करना है वह जनहित में कर डाला। जिला प्रशासन से नगरवासियों ने अपेक्षा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण खत्म होने तक यह दबंगई कायम रहनी चाहिए। हम आपके सहयोग को तत्पर हैं बाकी बातें कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद।