*कलेक्टर के निर्देश पर हो रहा है उत्कृष्ट विद्यालय में मूल्याकंन: संतोष शर्मा डीईओ*
छतरपुर। छतरपुर मध्यप्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देश पर सेंट्रल बेल्यूएशन का काम आज से शुरू किया गया है मजेदार बात हैं कि पूरे देश में कोरोना जैसी छुआछूत बीमारी के चलते लोगों को घरों के अंदर रखा गया है वहीं दूसरी ओर जिला के डी ओ संतोष शर्मा के निर्देश पर शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए स्कूल क्रमांक एक एवं 02 में बुलाया गया है । जहां पूरे विश्व में कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिनग और घरों से बाहर ना निकलने के सुझाव दिए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जिले के आला अधिकारियों द्वारा जबरन भीड़ एकत्रित कराई जा रही है । 100 किमी दूर से आये शिक्षक ने बताया कि यह शिक्षा विभाग का आत्मघाती कदम है जबकि पूरे प्रदेश में घरों से मूल्यांकन कराया जा रहा है यह सवाल उठता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की मेहनत पर क्यों पानी फेरने में लगे हुए हैं कुछ अधिकारी इसका खामियाजा जिले के शिक्षकों को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि इनका कोई भी बीमा नहीं है केवल मात्र अध्यापक संवर्ग के लोगों को बीमा का कोई लाभ नहीं दिया जाएगा मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मी सफाई कर्मी एवं इसमें जो लोग ड्यूटी कर रहे थे उन लोगों को ?5000000 तक का बीमा कराया है परंतु शिक्षकों का कोई भी बीमा सरकार द्वारा नहीं किया गया है यदि कोई अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा समय रहते यदि कलेक्टर ने अपने निर्देश नहीं बदले तो शिक्षकों में बड़ा आंदोलन शुरू ना हो जाए फिलहाल मूल्यांकन को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश देखा गया है। उत्कृष्ट विद्यालय 01 के प्राचार्य अशोक खरे ने बताया सेंटर वैल्यूएशन कर रहे शिक्षकों का बीमा प्रदेश सरकार द्वारा कराया गया है। जब उनसे कैमरे पर बाइट देने को कहा तो बाइट देने से इन्कार कर जिला शिक्षा अधिकारी से बाइट लेने के लिए कहा। जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा से जब इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों के बीमा संबंधी कोई भी आदेश अभी नही आया है। लेकिन हमने पूरे सेंटर को सेनेटाइजर कराया है और सोशल डिस्टेन्स का भी ध्यान दिया जा रहा है। वेल्यूवेशन शुरु होने के बाद जिले के अपर कलेक्टर प्रेम सिंह चौहान ने एक पत्र पुलिस अधीक्षक छतरपुर को लिखा जिसमें उल्लेख किया गया है कि माध्यमिक मंडल के सचिव द्वारा बोर्ड की परीक्षाओं का मूल्याकंन कार्य शुरु हो गया है अत: शिक्षकों को स्कूल से घर आने जाने की अनुमति प्रदान की गई है। ऐसे में किसी शिक्षक के साथ कोई भी लोक सेवक अभद्रता न कर सके। अपर कलेक्टर से जब इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मप्र शासन के निर्देश हैं कि मूल्याकंन कार्य को कराने के लिए जिले के कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। यदि वह चाहे तो स्कूल में मूल्याकंन कराएं या घरों में मूल्याकंन करा सकते हैं। छतरपुर के कलेक्टर ने ग्रीन जोन होने के कारण मूल्याकंन कार्य उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 में कराने का निर्णय लिया है। जिससे जिले के शिक्षक इस मूल्याकंन कार्य में बुलाए गए हैं। हालांकि कई शिक्षकों ने कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी के चलते आने से इंकार कर दिया है।