खतरा टला नहीं, छतरपुर जिले के लोग लापरवाह न बनें : कलेक्टर

 


*दुकानदार भी खतरे के प्रति रहें सजग, सुधार नहीं हुआ तो उठाने पड़ेंगे सख्त कदम*


छतरपुर। ग्रीन जोन के चलते 21 अप्रैल से छतरपुर जिले में लॉकडाउन में मिली छूट के दुरूपयोग के मामले सामने आ रहे हैं। इन मामलों को देखते हुए कलेक्टर ने एक बार फिर जिले के नागरिकों से अपील की है कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है इसलिए लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन में मिलने वाली छूट के दौरान जब दुकानें खुल रही हैं तो लोग बड़ी संख्या में बाजारों में पहुंच रहे हैं। दुकानदार और ग्राहक बिना सोशल डिस्टेसिंग का पालन किए हुए देखे जा रहे हैं जो कि खतरे का आमंत्रण हैं।


कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के जो नए मामले देश भर में सामने आ रहे हैं उनमें बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की है जिनमें कोई लक्षण नहीं है।
ऐसे मरीज कोरोना वायरस के साईलेंट कॅरियर हैं। हमें पता ही नहीं चलता कि हमारे बीच मौजूद एक स्वस्थ व्यक्ति जैसा दिखने वाला इंसान भी कोरोना वायरस का संक्रमित हो सकता है और जब हम ऐसे लोगों के संपर्क में आते हैं तो हमें भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।


छतरपुर जिले में अब तक कोरोना के संक्रमण वाला कोई मरीज सामने नहीं आया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारे आसपास कोरोना के मरीज नहीं हो सकते। हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है।
जब दो लोग मास्क लगाते हैं तब खतरा काफी कम हो जाता है।


लॉकडाउन में मिलने वाली छूट के कारण कुछ लोग घरों से निकलने लगे हैं और जरूरी काम करने लगे हैं लेकिन जब तक कोरोना की दवा नहीं बन जाती तब तक दुनिया भर में कोरोना का खतरा बना रहेगा। इस पीरियड में हमें सोशल डिस्टेसिंग और मास्क के इस्तेमाल का ध्यान रखना चाहिए।


जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से मास्क लगाकर मिलता है तो खतरा 5 फीसदी होता है और जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति और स्वस्थ व्यक्ति दोनों मास्क लगाए होते हैं तब संक्रमण का खतरा लगभग 1.5 फीसदी होता है।


लेकिन जब स्वस्थ्य व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से बिना मास्क लगाए मिलता है तो उसके संक्रमित होने का खतरा 70 फीसदी से अधिक होता है इसलिए मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेसिंग ही हमें कोरोना से बचा सकते हैं।